Friday, April 6, 2012

परिणाम बदला जा सकता है

घटनाये पूर्व निर्धारित होती है और वे अपने समय पर घटती भी है।
भाग्य के भरोसे बैठे लोगो को भी पूर्व निर्धारित घटनाओ का सामना करना पड़ता है ।
भाग्य में होना कहकर कर्महीन व्यक्ति सब कुछ को स्वीकार करते रहते है
और कर्मयोगी अपने प्रयासों से भाग्य को बदलने की कोशिश करते है।
कर्मयोगी को भी पूर्व निर्धारित घटनाओ से दो-चार होना पड़ता है,
किन्तु ये प्रयासों से स्वयं को इतना मज़बूत कर चुके होते है कि,
घटनाये अपना परिणाम बदल देती है। 
कहने का तात्पर्य है कि,
जो होना है वह ज़रूर होगा किन्तु हम अपने प्रयासों से 
घटनाओ के परिणाम को बदल सकते है।
भाग्य का रोना छोड़कर अपने कर्म पर भरोसा करना शुरू करे।

No comments:

Post a Comment