Monday, January 23, 2012

Wealth and mind

Accumulated wealth and pure mind,
even in bad times have the courage saved.

धन और मन

संचित  धन  और पवित्र मन ,
बुरे वक़्त में भी हमारा हौसला बचाये रखते है।

Responsibility


The responsible person does not complain.
Complainants cannot be placed in the category of 
responsible persons.
Responsible person does not need an event to be happy;
each moment is a celebration for them.
The complainants have many reasons to complain. 
They enjoy complaining.
Their whole life passes in tension and 
anxiety due to lack of courage.
The complains are automatically erased if we take responsibility.
So let us take responsibility and make our life tension less.
Hence we can do well for us as well as for others.

Let's be thankful


God fulfills our every legitimate and illegitimate wish.
He is just waiting to fulfill our desire.
He believes in giving and he is giving us.
God understands our every need; 
so why do we need to ask for something from him?
If we say; God doesn't care us, 
then why do we demand anything from him?
Do we really more intelligent than God?
Do we have better ideas for ourselves than god?
Friends, we should not ask anything from God.
God definitely gives us; whatever is correct for us.
He bounds to fulfill our unnecessary demands because of our demands.
How often do we ask wrong for us from God then how can God be blamed?
So let's be thankful to God.

Saturday, January 21, 2012

आप खुश क्यों नहीं हो जाते

यदि यह कहा जाये की सम्पन्नता ख़ुशी लाती है,
तो फिर संपन्न लोग  भी क्यों दुखी रहते है ?
और यदि यह कहा जाये की बिना धन के भी खुश रहा जा सकता है,
तो फिर धन के लिए इतनी हाय-तौबा  क्यों ?
सच  में  यदि देखा  जाये तो जब  तक  हम  स्वयं  से  खुश रहने  की चेष्टा  न  करे,
तो दुनिया की कोई भी ख़ुशी हमें  खुश नहीं कर सकती।
अर्थात खुश रहना अथवा दुखी होना हमारे अपने चाहने पर निर्भर करता  है।
फिर अपने सुख अथवा दुःख  के लिए किसी  और को  ज़िम्मेदार  कैसे  कहा जा सकता है ?  






Tuesday, January 17, 2012

In the time

If you do not use your competencies properly, 
other will surely misuse them.
Identify and increase your competency within time.
Everything has its importance at the right time.
If the right time has been lost, valuable things would be useless. 

Our competencies are also valuable within its time.

समय रहते

अगर आप अपनी छमता का सही उपयोग नहीं कर पाते है, तो दूसरे आपकी योग्यता का दुरूपयोग ज़रूर करेंगे |
समय रहते अपनी  छमता को पहचानिए और उसे बढाइये |
किसी भी वस्तु का महत्व सही समय पर ही होता है |
समय निकल जाने के बाद महत्वपूर्ण लगने वाली चीज़े भी बेकार साबित हो जाती है |
हमारी छमता भी समय रहते ही हमारे उपयोग के लायक होती है |





Tuesday, January 10, 2012

ईश्वर

ईश्वर हमारी हर जायज़ और नाजायज़ मांगो को पूरा करते रहते है |
ईश्वर तो बस हमारी इच्छा करने भर का इंतजार करते रहते है | 
ईश्वर देने में यकीं रखते है और देते रहते है | 
एक बात और है कि जब  ईश्वर हमारी हर ज़रुरत को समझते है,
तो फिर हमें कुछ मांगने कि ज़रुरत क्यों पड़ती है ?
यदि यह कहे कि  ईश्वर को हमारी परवाह ही नहीं है,
तो फिर हम किस उम्मीद से उनसे मांग करते है ?|
क्या सचमुच हम  ईश्वर से ज्यादा समझदार है,
और अपने लिए ईश्वर से बेहतर सोच सकते है ?
दोस्तों यदि मै अपनी कहू तो हमें कुछ मांगना ही नहीं चाहिए |
जो  ईश्वर हमारे लिए अच्छा समझते है ज़रूर देते है |
हमारे मांगने/जिद करने से वह 
गैरज़रूरी मांगो को भी पूरा करने को बाध्य हो जाते है |
और कितनी ही बार हम उनसे अपने लिए बुरा मांग लेते है |
फिर  ईश्वर को दोष कैसे दिया जा सकता है ?
क्यों न आज से  ईश्वर को सिर्फ धन्यवाद् दे|


































Tuesday, January 3, 2012

ज़िम्मेदार बने

ज़िम्मेदार व्यक्ति कभी शिकायत नहीं करते है|
शिकायत करने वालो को ज़िम्मेदार व्यक्तियों की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता | 
ज़िम्मेदार व्यक्ति को  खुश रहने के लिए किसी उत्सव की ज़रुरत नहीं होती है |
उनके लिए हर एक पल उत्सव का होता है | 
शिकायत करने वालो के पास चिंता करने के लिए काफी कारण होते है | 
ऐसे लोगो को शिकायत करने में मज़ा आता है | 
ज़िम्मेदारी उठाने का हौसला  नहीं होने की वजह से उनका  सारा जीवन चिंताग्रस्त गुजर जाता है|
स्वयं से आगे बढ़कर ज़िम्मेदारी उठा लेने से शिकायते स्वतः  ही मिट जाती है ,
और पूरी ज़िन्दगी चिंतामुक्त कट सकती है फिर क्यों न ज़िम्मेदार बनकर
औरो के साथ-साथ अपना भी भला करते चले


Sunday, January 1, 2012

भरोसा

हमारे जीवन में जो कुछ भी होता है उन सभी में हमारे भरोसे का बहुत बड़ा योगदान होता है |
सच मानिये सब कुछ सिर्फ हमारे भरोसे पर ही टिका होता है |
यदि बस के ड्राईवर की छमता  पर आप भरोसा करके नहीं बैठे,
तो आपका गंतव्य स्थान तक सकुशल पहुचना थोडा  कठिन हो जाता है |
जिस पर भी आप भरोसा करे पूरा करे |
सबसे पहले अपने आप पर भरोसा करने से शुरुआत कीजिये|
जो भी आपकी छमता  है उस पर पूरा भरोसा रखे |
यह  भरोसा आपकी छमता  को और  बढाएगा |
किसी के भी कहने पर आप स्वयं को कमज़ोर  ना माने |
गौर करे तो पाएंगे की हमारी कमजोरी  का दुसरे लोग भरपूर फायदा  उठाते  है ,
और उन्हें ऐसा करने की इज़ाज़त, अनजाने में हम ही देते  है |
आज की प्रतिस्पर्धी जीवनशैली  में कोई किसी के बारे में अच्छी राय रखे ज़रूरी नहीं है,
किन्तु सभी ऐसे ही लोग हो यह भी ज़रूरी नहीं है |
आप अपने ऊपर,अपनी छमता के ऊपर,अपने गुरु  के ऊपर,
उस ईश्वरीय शक्ति के ऊपर पूरा भरोसा रखे कि,
कोई कुछ भी करे, ये आपका बुरा होने नहीं देंगे |
अगर आपका भरोसा पक्का रहा तो यक़ीनन कोई आपका बुरा नहीं कर पायेगा |
बस शर्त यही है कि आपसे भी किसी का बुरा ना हो |
नए वर्ष की शुभकामनाये    Happy New Year 2012