ज़रुरत से अधिक मिली सुविधाये,
हमारी छमता के विकास में बाधा बन सकती है।
मिली सुविधाओ को अपना अधिकार न माने,
बल्कि किसी बड़ी सफलता के लिए
ऐसा करके हम,
अपनी वास्तविक स्थिति को सही ढंग से पहचान पायेंगे।
फिजूलखर्ची की आदत नहीं पड़ेगी
और ऐसा करके
हम कितनी ही तरह की बुरी आदतों से बचे रहेंगे।
यह गंभीरता से सोचने की बात है कि,
जो सुविधाए दूसरो के लिए कल्पना की बात होती है,
वह किसी और को बड़ी ही सरलता से प्राप्त होती है।
कितनी ही बार अभाव,
हमें,
अपनी छमता बढाकर सफलता प्राप्त करने के लिए लिए प्रेरित करते है।
ज़रा सोचिये ?
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