ईश्वर हमारी हर जायज़ और नाजायज़ मांगो को पूरा करते रहते है |
ईश्वर तो बस हमारी इच्छा करने भर का इंतजार करते रहते है |
ईश्वर तो बस हमारी इच्छा करने भर का इंतजार करते रहते है |
एक बात और है कि जब ईश्वर हमारी हर ज़रुरत को समझते है,
तो फिर हमें कुछ मांगने कि ज़रुरत क्यों पड़ती है ?
यदि यह कहे कि ईश्वर को हमारी परवाह ही नहीं है,
तो फिर हम किस उम्मीद से उनसे मांग करते है ?|
क्या सचमुच हम ईश्वर से ज्यादा समझदार है,
और अपने लिए ईश्वर से बेहतर सोच सकते है ?
दोस्तों यदि मै अपनी कहू तो हमें कुछ मांगना ही नहीं चाहिए |
जो ईश्वर हमारे लिए अच्छा समझते है ज़रूर देते है |
हमारे मांगने/जिद करने से वह
गैरज़रूरी मांगो को भी पूरा करने को बाध्य हो जाते है |
और कितनी ही बार हम उनसे अपने लिए बुरा मांग लेते है |
फिर ईश्वर को दोष कैसे दिया जा सकता है ?
क्यों न आज से ईश्वर को सिर्फ धन्यवाद् दे|
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