यदि हम अपने आप को अपनी छमता को पहचानते है,
क्या कर सकते है यह जानते है,
तो इसे हमारा स्वाभिमान कहा जाता है |
जब हम अपनी छमता,अपनी पहचान दूसरो को बताने जाते है ,
जताने जाते है, तो इसे हमारा अभिमान कहा जायेगा |
आम का पेड़ कितने ही फलो से लदा हो,
वह अपने फलो को पत्तो के बीच छुपाकर रखता है,
और लम्बी आयु का होता है |
वही पपीते का पेड़ अपना प्रदर्शन सरेआम करता है,
और बहुत छोटी उम्र में ही मिट जाता है |
स्वाभिमान से आत्मविश्वास बढ़ता है
और हमारे जीतने की प्रायिकता बढ़ती है |
व्यक्तित्व निखरता है |
स्वाभिमानी व्यक्ति को सभी दूर से पहचान लेते है |
निश्छल मुस्कान एवं आत्मविश्वास से भरा चेहरा
अलग ही चमक रखता है |
अभिमान से हमारा व्यक्तित्व और छमता दोनों ही धूमिल होते है |
जब जब हम अपनी खूबियों का बखान करते है,
लोगो को दिखाते है तो वे हमें परखने आते है,
और जिस किसी को भी हमसे खतरा लगता है
वह हमें मिटाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देता है |
यदि आप अपनी पूरी छमता के होते हुए भी असफल हो रहे है
तो ज़रूर अपने व्यवहार और क्रियाकलापों पर गौर कीजियेगा |
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