सुख कहा है ?
जैसे 1 लीटर दूध को
मीठा करने के लिए उसमे,
चाहे और कितनी ही लीटर ढूध की मिलाई जाये,
वह 1 लीटर दूध कई लीटर बन जाता है किन्तु मीठा नहीं होता।
वही पर उस 1 लीटर दूध में मुठ्ठी भर शक्कर मिला दी जाये
तो दूध,
ठीक इसी तरह
चाहे कितने ही संम्पन्नता आ जाये,
कितनी ही इच्छाओ की पूर्ति कर ले,
कितना ही धन कमा ले,
यह दूध में और दूध मिलाकर उसकी मात्रा बढ़ाने के सामान है।
सुख की चाह,बस चाह ही रह जाती है।
जिस तरह मुट्ठी भर शक्कर मिलाकर दूध को मीठा कर लिया जाता है,
अपने जीवन में मिलाकर सुख को प्राप्त किया जा सकता है।
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