-सेमिनार के प्रतिभागियों द्वारा पूछे गए प्रश्न और दिये गए उत्त्तर-
प्रश्न-१- मस्ती और शांति में क्या अंतर है?
उत्त्तर - विचार अच्छे रहे तो मस्ती में भी शांति है और शांति में भी मस्ती है।
गौर किया जाये तो सब कुछ विचारो का ही खेल है।
प्रश्न-2- जब सब ओर हार दिखाई दे, कोई भी रास्ता न सूझे तब क्या करे?
उत्त्तर -कुछ भी देर तक नहीं रहता है,सुख हो चाहे दुःख हो।
अपना प्रयास पूरे मन से करे और ईश्वर पर भरोसा रखे।
प्रश्न-3- मैं अपने आप को बहुत कमज़ोर महसूस करता हूँ ? सहायता करे।
उत्त्तर -कोई, तब ही तक बड़ा हो सकता है जब तक हम स्वयं को छोटा समझते रहे ।
आत्मविश्वास की कमी हमें हमेशा छोटा बनाये रखती है।
अपनी खूबियों को पहचान कर उसे और बढ़ाये तथा अपनी कमजोरियों को नज़रंदाज़ कर दे।
जिस भी को आप दोहराएंगे वह ही बढती जाती है, फिर क्यों न खूबियों की ही बात करते रहे ताकि कमजोरी स्वयं ही दूर हो जाये।
प्रश्न-4- हम अपने आप को ओवरकान्फिद्देंस से कैसे बचाये ?
उत्त्तर -हम सब कर सकते है यह सही है, किन्तु सब कुछ हम ही कर लेंगे यह सही नहीं है।
जो भी हमारी छमता/योग्यता हो उससे दूसरो को क्या फायदा हो सकता है,
बस यह विचार करते रहे तो हम ओवरकान्फिद्देंस से बचे रहेंगे ।
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