किसी की भी अधिक निकटता उससे हमें प्रेम करने को
मजबूर कर देती है।
प्रेम करना गलत नहीं है किन्तु
ऐसा प्रेम जो मर्यादा तोड़ जाने को बाध्य कर दे ,
दुःख देता है और संकट खड़े करता है।
और बस खो जाने की ओर प्रेरित करता है।
मेरी इस बात से वे प्रेमी जो वर्तमान में किसी के प्रेम में हो
शायद सहमत नहीं होंगे,
परन्तु इस विषय पर ज़रूर विचार करेंगे ऐसी मेरी आशा है।
अक्सर हम सुनते है की प्रेम किया नहीं जाता बस हो जाता है,
किन्तु दोस्तों सच में यदि देखा जाये तो प्रेम होता नहीं है,
हम ही उसे बढ़ाते चले जाते है।
किसी व्यक्ति विशेष के प्रति अधिक विचार करना,
हमें उससे जोड़ता चला जाता है।
अपने समस्त रिश्ते नाते तोड़कर किसी एक को ही
अपना सब-कुछ मान लेना कितना उचित है,
यह मै आपके विवेक पर छोड़ता हूँ।
No comments:
Post a Comment