आप चाहे जो भी काम करे अंत में सुख ही चाहते है.
क्यों ?
बुरे से बुरा कर्म करने वाला भी अपने लिए सिर्फ अच्छे की चाह रखता है. किसलिए ?
जब आपने दूसरो का भला नहीं किया,
फिर अपने लिए भला कैसे चाह सकते है ?
सृष्टि को जो भी आप देते है, वह बढ़कर आपको वापस लौटा दी जाती है.
दोस्तों ज़रा संभलकर .......?
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